बिहार में हाल ही में कई बड़े बदलाव और घटनाएँ हुई हैं जो पूरे राज्य और देश के लिए महत्वपूर्ण हैं। राजनीति से लेकर बाढ़, शिक्षा, और सरकारी योजनाओं तक, यहाँ हम 2025 के सबसे ट्रेंडिंग मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
1. बिहार में बाढ़: कोसी और गंगा का प्रकोप
बिहार हर साल बाढ़ की मार झेलता है, लेकिन 2025 में कोसी और गंगा नदी में बढ़ते जलस्तर ने कई जिलों में गंभीर हालात पैदा कर दिए हैं। सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा और कटिहार में हज़ारों लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन पीड़ितों को अब भी मदद की ज़रूरत है।
2024 कोसी बाढ़:
सितंबर 2024 में, कोसी नदी में अत्यधिक जलस्तर के कारण बिहार के उत्तर-पूर्वी जिलों में भीषण बाढ़ आई। बीरपुर बैराज से लगभग 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर जिलों में व्यापक तबाही हुई। स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह बाढ़ 1968 के बाद सबसे विनाशकारी थी।
2. बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर
जनवरी 2025 में, बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार ने फिर से पाला बदला और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई। इस बदलाव ने पूरे देश का ध्यान खींचा। अब बिहार की राजनीति में आगे क्या होगा? लोग इस पर लगातार चर्चा कर रहे हैं।
जनवरी 2024 में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से इस्तीफा देकर भाजपा-नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री बने। इस राजनीतिक बदलाव का मुख्य कारण विपक्षी गठबंधन में आंतरिक मतभेद और नेतृत्व संबंधी विवाद थे।
3. मिथिला राज्य की मांग फिर हुई तेज
बिहार के मिथिला क्षेत्र के लोग अलग राज्य की मांग को लेकर फिर से सड़कों पर उतर आए हैं। दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और सुपौल में कई बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं। इस आंदोलन को लेकर बिहार सरकार का क्या रुख रहेगा? यह देखने वाली बात होगी।
बिहार के मिथिला क्षेत्र में अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो रहा है। नवंबर 2024 में, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बिहार विधान परिषद में मिथिला को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई। इसके अलावा, अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति और मिथिला स्टूडेंट यूनियन जैसी संगठनों ने भी इस मुद्दे पर पदयात्रा और धरना-प्रदर्शन आयोजित किए हैं।
4. बिहार में सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ा या घटा?
बिहार सरकार ने हाल ही में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सीमा 50% से बढ़ाकर 65% करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया और रद्द कर दिया। इस फैसले पर बिहार के युवा लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
जाति-आधारित आरक्षण में वृद्धि:
नवंबर 2023 में, बिहार विधानसभा ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% करने वाला विधेयक पारित किया। इसमें अनुसूचित जातियों के लिए 20%, अनुसूचित जनजातियों के लिए 2%, पिछड़े वर्गों के लिए 18%, अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए 25% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण शामिल था। हालांकि, जून 2024 में पटना उच्च न्यायालय ने इस 65% आरक्षण सीमा को असंवैधानिक घोषित किया।
5. बिहार में नई योजनाएँ: युवाओं और किसानों के लिए राहत
बिहार सरकार ने “मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना” के तहत बेरोजगार युवाओं को ₹10 लाख तक का लोन देने की घोषणा की है। वहीं, किसानों के लिए नई फसल बीमा योजना भी शुरू की गई है।
निष्कर्ष
बिहार में 2025 में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। राजनीति, बाढ़, आरक्षण, और सरकारी योजनाओं के बीच बिहार के लोगों की जिंदगी तेजी से बदल रही है। अगर आप बिहार से जुड़ी ताजा खबरें जानना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट को नियमित रूप से विजिट करें।
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